बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने प्रतिद्वंद्वी पार्टियों पर पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए नीतियां बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बसपा अपने कार्यकर्ताओं के धन से चुनाव लड़ती है और इसलिए वह बिना किसी दबाव के सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीति पर काम कर पाती है। मायावती ने सुलतानपुर और प्रतापगढ़ में बसपा प्रत्याशियों के समर्थन में आयोजित चुनावी सभाओं में कहा बसपा देश की अकेली पार्टी है जो पूंजीपतियों की बदौलत नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं की मदद से चुनाव लड़ती है ताकि वह बिना किसी दबाव के काम कर सके। उन्होंने कहा कि दूसरी पार्टियां खुद को चंदे के रूप में धन उपलब्ध कराने वाले पूंजीपतियों की मदद से चुनाव जीतकर आती हैं और उन्हीं के फायदे के लिए नीतियां बनाती हैं, जबकि बसपा पर पूंजीपतियों का दबाव नहीं होता। इसलिये वह सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की नीतियों पर काम करती है। मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश में उनकी सरकार ने कमजोर वर्गों को वरीयता दी और दलित महापुरुषों को सम्मान दिया। उनके शासनकाल में एक भी साम्प्रदायिक दंगा नहीं हुआ जिसे विरोधी पचा नहीं सके। लोकसभा चुनाव में बसपा द्वारा उत्तर प्रदेश की 80 में से सिर्फ 17 लोकसभा सीटों पर दलितों को टिकट दिए जाने पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा कि सभी सीटों पर दलितों को चुनाव नहीं लड़ाया जा सकता। दलितों को सिर्फ यह देखना है कि उन्हें बसपा का साथ देना है, क्योंकि इस पार्टी की जीत उनकी जीत होगी।