समाजवादी पार्टी का कम सीटों का ऑफर यूपी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और मुलायम सिंह की पार्टी के बीच गठबंधन में बाधा बन गया है। हालांकि, मुलायम सिंह ने चुनाव से पहले किसी भी तरह के गठबंधन को सार्वजनिक तौर पर खारिज कर दिया था। लेकिन अखिलेश यादव ने संकेत दिए हैं कि कांग्रेस के साथ गठबंधन से यूपी में बंपर जीत मिल सकती है। सूत्रों की मानें तो अखिलेश के इस कमेंट के बाद से दोनों पक्ष अनऑफिशियली चुनाव से पहले गठबंधन के ऑप्शन की तलाश कर रहे हैं। सपा ने कांग्रेस को पेश की 60 से भी कम सीटें... - राज्य की कुल 403 विधानसभा सीटों में सपा ने कांग्रेस को 60 से भी कम सीटों की पेशकश की, जिससे इस सिलसिले में शुरुआती बातचीत अटक गई है। - एक सूत्र ने गठबंधन को लेकर हो रही बातचीत के हवाले से बताया, 'सपा फिलहाल कांग्रेस को 58 विधानसभा सीटों का प्रस्ताव कर रही है।' - सूत्र का ये भी कहना था कि कांग्रेस चुनाव से पहले गठबंधन के लिए एक सम्मानजनक आंकड़े की तरफ देख रही है, जो कम से कम 3 अंकों में हो। - इनमें वैसी सीटें भी शामिल हैं, जहां कांग्रेस ने चुनाव जीता (28 विधानसभा सीटें)। साथ ही कांग्रेस वो सीटें भी लेना चाहती है, जहां 2012 के विधानसभा चुनावों में उसे सपा के मुकाबले ज्यादा वोट मिले। - दिलचस्प बात ये है कि सपा ने 1993 में इसी आधार पर उस वक्त कांशीराम के नेतृत्व वाली बसपा के साथ समझौता किया था। - इसके कारण 1992 में बाबरी मस्जिद के ढहाए जाने के बाद हुए चुनाव में बीजेपी राज्य की सत्ता में नहीं लौट सकी। अमर सिंह की कोशिशें भी हुईं नाकाम - 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ चुनाव से पहले गठबंधन की अमर सिंह की कोशिशें भी नाकाम हो गई थीं। - दरअसल, उस समय भी मुलायम ने काफी कम सीटों की पेशकश की थी। सपा नेतृत्व, कांग्रेस को राज्य में 16 लोकसभा सीटों से ज्यादा देने को तैयार नहीं था, जबकि कांग्रेस 24 सीटों की मांग कर रही थी। - 80 लोकसभा सीटों वाले राज्य में भले ही गठबंधन कामयाब नहीं हो पाया, लेकिन कांग्रेस 21 लोकसभा सीटें जीतने में सफल रही। - सपा की ओर से उसे जितनी सीटों का प्रस्ताव मिल रहा था, ये आकंड़ा उससे ज्यादा था। अखिलेश ने गठबंधन के दिए संकेत - एक और बात ये है कि मुलायम सिंह के नेतृत्व में सपा का एक मजबूत धड़ा कांग्रेस के साथ चुनाव से पहले गठबंधन के पक्ष में नहीं है। - पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मुलायम ने पार्टी की शुरुआत से अब तक महाराष्ट्र में सीमित अवधि को छोड़कर कभी भी कांग्रेस के साथ चुनाव पहले गठबंधन नहीं किया है। - बहरहाल, अखिलेश ने बार-बार संकेत दिए हैं कि वह निजी तौर पर कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन को लेकर इच्छुक हैं।