केंद्र सरकार ने सोमवार बताया कि भारत सरकार की वेबसाइटों को सभी क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में प्रश्नोत्तर काल के दौरान सदस्यों के सवालों के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि देश के 50 हजार गांवों को चालू वित्त वर्ष में, एक लाख गांवों को अगले साल तथा और एक लाख अन्य गांवों को उसके अगले साल आप्टिकल फाइबर से जोड़ा जाएगा जिससे बैंडविड्थ की क्षमता भी बढ़ेगी और ग्रामीणों को आवश्यक मूलभूत सुविधाएं आसानी से उपलब्ध हो सकेंगी। प्रसाद ने बताया कि सभी गांवों को आप्टिल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्देश दिया है। उन्होंने बताया कि इलैक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने देश के ग्रामीण क्षेत्रों में सूचना प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने और विकास करने के लिए सामान्य सेवा केंद्र (सीएससी) योजना शुरू की है। उन्होंने कहा कि सरकार सूचना प्रौद्योगिकी को गांवों तक पहुंचाने को प्रतिबद्ध है और इसी मकसद से देश के सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 1,34,589 सीएससी स्थापित किए गए हैं। प्रसाद ने स्वीकार किया कि भाषा संबंधी बाधाओं ने ग्रामीण भारत में ई-शासन के प्रयासों में अवरोध पैदा किया है। उन्होंने कहा कि भारत एक बहुभाषी देश है जिसकी 22 राजभाषाएं हैं। देश में दस फीसदी से कम लोग ही अंग्रेजी में पढ़ लिख सकते हैं। उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रोनिक और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग स्थानीयकरण परियोजना प्रबंध ढांचा परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है जिसके तहत नागरिकों को उनकी अपनी भाषाओं में सरकारी वेबसाइटें और आनलाइन सेवाएं प्रदान करने की परिकल्पना की गयी है।