प्राइम मिनिस्टर ऑफिस (PMO) ने अपने अफसरों और स्टॉफ की सैलरी का खुलासा किया है। PMO के मुताबिक, सबसे ज्यादा सैलरी दो लाख और सबसे कम 17,000 रुपए है। यह खुलासा राइट टू इन्फॉर्मेशन एक्ट के तहत किया गया है। सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले पीएम के सेक्रेटरी भास्कर खुल्बे हैं। इन्हें करीब 2 लाख रुपए मंथली मिलते हैं। किसको मिलती है कितनी सैलरी... - भास्कर खुल्बे 1983 बैच के हैं। खुल्बे को पिछले हफ्ते ही पीएम सेक्रेटरी बनाया गया है। इससे पहले वे एडिशनल सेक्रेटरी की जिम्मेदारी निभा रहे थे। - 1 जून को जारी पीएमओ के स्टेटमेंट के तहत खुल्बे की मंथली सैलरी 2.01 लाख रुपए है। - पीएमओ के तीन दूसरे टॉप अफसर में पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी नृपेंद्र मिश्रा, एडिशनल प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा और नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर(एनएसए) अजित डोभाल को 1, 62,500 रुपए की मंथली सैलरी के अलावा पेंशन मिलती है। इनकी सैलरी इसलिए बराबर है कि ये तीनों रिटायर्ड सिविल सर्वेंट हैं। - पीएमओ के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर और पीएम के पुराने सहयोगी जेएम ठक्कर को हर महीने 99,434 रुपए और पेंशन मिलती है। - वहीं, पीएमओ के लिए पीआईबी के इंफॉर्मेशन ऑफिसर शरत चंदर की मंथली सैलरी 1.26 लाख रुपए है। - ज्वाइंट सेक्रेटरी में तरुण बजाज को सबसे ज्यादा 1.77,750 रुपए मिलते हैं। जबकि अनुराग जैन की सैलरी 1,76,250 रुपए और एक के शर्मा को 1,73,250 रुपए है। - सबसे कम वेतन 17,000 रुपये महीना है, जो उस शख्स के नाम के साथ लिखा हुआ है, जिसे 'मल्टीटास्किंग स्टाफ' का दर्जा दिया गया है। - बता दें कि अभी पीएम को 1.60 लाख रुपए (अलाउंस शामिल नहीं) मंथली मिलते हैं। मनमोहन सरकार में भी हुआ था खुलासा - मनमोहन सिंह के पीएम रहते वक्त भी पीएमओ ने अपने अफसरों की सैलरी सार्वजनिक की थी। - साल 2012 में सिंह के सलाहकार टी.केए नायर, उस समय के एनएसए शिव शंकर मेनन, स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव एसके लांबा और पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पुलॉक चटर्जी को हर महीने 1.61 लाख रुपए मिलते थे, जिसमें से 1.11 लाख रुपए की सैलरी और 50,000 रुपए की पेंशन होती थी।