जवाहरबाग में दो साल तक कब्जा जमाए रहे रामवृक्ष यादव का नेटवर्क देशभर में फैला था। उसे देश के अधिकतर राज्यों से लाखों रुपए मिलते थे। हिंसा के चौथे दिन रविवार को जवाहरबाग में अंदर घुसते ही dainikbhaskar.com को आय-व्यय के दस्तावेज मिल गए। इसमें करोड़ों रुपए के लेन-देन का हिसाब है। इस दस्तावेज को बाद में पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया। डॉक्युमेंट्स से ये खुला राज… - डॉक्युमेंट के अनुसार, रामवृक्ष यादव को उड़ीसा, आंध्र प्रदेश, बिहार, यूपी आदि राज्यों और यूपी के कई जिलों से रुपए मिलते थे। - रामवृक्ष के गुर्गे देशभर में अपने अभियान का प्रचार करते थे। - लोगों को सुभाष चंद्र बोस के नाम पर अपने संगठन से जोड़ने का काम होता था। संगठन के एक-एक खर्च का यहां हिसाब है। कहां से मिले हैं कितने रुपए - ओडिशा के कटक से दो लाख 24 हजार रुपए मिलने का जिक्र है। - कन्नौज से सेवा द्वारा मिले 10,900 रुपए रामस्नेह राजपूत ने जमा करवाए हैं। - कन्नौज की ललिता मिश्रा, पत्नी संतोष यादव ने 10 हजार रुपए दिए हैं। - रामवृक्ष यादव के मुख्य साथी चंदन बोस के दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट एक बार आने-जाने के लिए 10 हजार रुपए का खर्च लिखा है। - बरेली में पोस्टर प्रचार के लिए खर्च का हिसाब है। जवाहर बाग में बना था मिनी हॉस्पिटल - बिहार से भी हजारों रुपए मिलने का जिक्र है। - बिहार के मुजफ्फरपुर के डॉक्टर साहब को दवाओं के लिए रुपए दिए जाते थे। - इस डॉक्युमेंट से पता चला है कि जवाहरबाग में मिनी हॉस्पिटल भी बना हुआ था।