एक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के नतीजों में दावा किया गया है कि असम विधानसभा चुनाव के परिणाम आने पर किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा और राज्य में भाजपा और सत्ताधारी कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है जबकि केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) कांग्रेस की अगुवाई वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चे (यूडीएफ) को सत्ता से बेदखल कर सकता है। एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इंडिया टीवी-सी वोटर की ओर से कराए गए एक चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के नतीजों के अनुसार पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में सत्तासीन अन्नाद्रमुक सत्ता में वापसी कर सकती है। सर्वेक्षण के नतीजों में कहा गया है कि विधानसभा की 126 सीटों वाले असम में भाजपा की अगुवाई वाला गठबंधन 55 सीटें जीत सकता है जबकि मुख्यमंत्री तरुण गोगोई की अगुवाई में कांग्रेस 53 सीटें जीत सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 78 सीटें मिली थीं। गौरतलब है कि असम में सरकार बनाने के लिए 64 सीटों की जरूरत होती है। भाजपा की अगुवाई वाले गठबंधन में असम गण परिषद (एजीपी) और बोडो पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) शामिल है। बदरूद्दीन अजमल के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) को 12 सीटें मिलने की संभावना है। पिछले बार एआईयूडीएफ को 18 सीटें मिली थीं। अन्य को छह सीटें मिल सकती हैं। विधानसभा की 140 सीटों वाले केरल में एलडीएफ को आसानी से 86 सीटें मिलने का पूर्वानुमान किया गया है जबकि अभी राज्य में सत्ताधारी कांग्रेस की अगुवाई वाले यूडीएफ को 53 सीटें मिलने का अनुमान है। चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के नतीजों में कहा गया है कि भाजपा की अगुवाई वाला गठबंधन वहां सिर्फ एक सीट हासिल कर सकता है। सर्वेक्षण के मुताबिक, पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सत्ता बरकरार रहने के आसार हैं। उनकी पार्टी तृणमूल कांग्रेस को 294 सदस्यीय विधानसभा में 160 सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 184 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की थी। रणनीतिक समझौते के तहत चुनाव लड़ रहे वाम मोर्चा और कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में क्रमश: 106 और 21 सीटें मिलने की संभावना है। सर्वेक्षण के नतीजों के मुताबिक भाजपा को सिर्फ चार सीटें मिल पाएंगी और ‘अन्य’ को तीन सीटें मिल सकती हैं। इसका मतलब है कि वाम मोर्चा की सीटों की संख्या 106 तक जा सकती है। पिछले चुनाव में उसे 60 सीटें ही मिल सकी थी। जबकि कांग्रेस को पिछले विधानसभा चुनावों में 42 सीटें मिली थी लेकिन अब उसकी सीटों की संख्या घटकर 21 रह जाने की आशंका है। तमिलनाडु में मुख्यमंत्री जे जयललिता के अन्नाद्रमुक की अगुवाई वाला गठबंधन 234 सदस्यीय विधानसभा में आसानी से 130 सीटें हासिल कर सकता है जबकि द्रमुक-कांग्रेस गठबंधन को 70 सीटें मिलने के आसार हैं। अन्य को 34 सीटें मिल सकती हैं। विज्ञप्ति में कहा गया कि सी वोटर के मुताबिक यह सर्वेक्षण मार्च के अंतिम हफ्ते में कराया गया।