प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के प्रेसिडेंट बराक ओबामा के बीच हॉटलाइन शुरू हो चुकी है। ओबामा के साथ ही उनके नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजरों से भी मोदी कभी भी सीधे बात कर सकेंगे। अमेरिकी प्रेसिडेंट के स्पेशल असिस्टेंट पीटर आर लावॉय ने कहा, 'यह (हॉटलाइन) हाल ही में शुरू हुई है। लेकिन अभी तक इसका इस्तेमाल नहीं हो सका है।' इसी साल जनवरी में अमेरिकी प्रेसिडेंट बराक ओबामा जब भारत के दौरे पर आए थे, तभी हॉटलाइन शुरू करने का फैसला लिया गया था। व्हाइट हाउस ने क्या कहा? व्हाइट हाउस के टॉप ऑफिशियल ने कहा, 'दो बहुत खास पार्टनर्स के बीच यह सेफ लाइन शुरू की गई है ताकि असल समस्याओं को सुलझाने में तालमेल बनाया जा सके।' अमेरिका के साथ हॉटलाइन वाला भारत चौथा देश अमेरिका के साथ हॉटलाइन से संपर्क रखने वाले देशों में भारत शामिल हो चुका है। भारत से पहले सिर्फ तीन देशों-रूस, ब्रिटेन और चीन के साथ अमेरिका का हॉटलाइन संपर्क था। भारत के लिए हेड ऑफ स्टेट लेवल की पहली हॉटलाइन अमेरिका के साथ हॉटलाइन भारत के लिए हेड ऑफ स्टेट लेवल की पहली ऐसी सर्विस है। इससे पहले 2004 में भारत और पाकिस्तान के बीच विदेश सचिव स्तर पर हॉटलाइन शुरू करने पर समझौता हुआ था। इस हॉटलाइन को अमेरिकी मिलिट्री की मदद से शुरू किया गया था। वहीं, 2010 में भारत और चीन के बीच विदेश मंत्री स्तर पर हॉटलाइन शुरू करने पर सहमति बनी थी। लेकिन यह हॉटलाइन अभी तक शुरू नहीं हो पाई है। क्या है हॉटलाइन? प्वॉइंट टू प्वॉइंट कम्युनिकेशन लिंक को हॉटलाइन कहते हैं। इसके तहत फोन का रिसिवर उठाते ही कॉल लग जाती है। इसके तहत नंबर डायल करने की जरूरत नहीं होती है। इसी वजह से हॉटलाइन के तहत नॉन डायल फोन का इस्तेमाल होता है। स्टेट हेड लेवल की हॉटलाइन बहुत सुरक्षित होती है।