तेजी से बढ़ रही शहरी आबादी को घर मुहैया कराने और निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार का जोर 'स्मार्ट' शहरों पर है और इसी के तहत एक स्मार्ट सिटी गुजरात में साबरमती नदी के किनारे बनाई जा रही है। इस स्मार्ट सिटी में अभी आधुनिक अंडरग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर और ऑफिस के दो ब्लॉक हैं। सुनियोजित तरीके से बनाई जा रही इस स्मार्ट सिटी में चमकदार टॉवर, नलों में पीने लायक पानी होंगे, स्वचालित तरीके से कचरा जमा करने की सुविधा और लगातार बिना किसी बाधा के बिजली की सप्लाई होगी। स्मार्ट सिटी में अन्य आधुनिक सुविधाएं भी देने की योजना है। चूंकि 2050 तक शहरी आबादी 40 करोड़ बढ़कर 81.4 करोड़ हो जाएगी और शहरीकरण की ऐसी स्थिति भारत के सामने आएगी जिसे अब तक केवल चीन में देखा गया है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहरों की बढ़ती आबादी की जरूरतों को पूरा करने के लिए 2022 तक 100 स्मार्ट सिटी बनाने का वादा किया था। कंसलटेंट केपीएमजी के अनुमान के मुताबिक 6.2 लाख करोड़ की लागत की यह योजना, पीएम मोदी के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के नजरिये और लाखों लोगों को रोजगार हासिल होने के लिहाज से काफी अहम है। यह महत्वाकांक्षी योजना गुजरात की राजधानी गांधीनगर के बाहरी हिस्से में साकार होने जा रही है। सरकार का मानना है कि यह पहली स्मार्ट सिटी भारत के शहरों के भविष्य के लिए मॉडल के रूप में उभरकर सामने आएगी।