नई दिल्ली : रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने शनिवार को कहा कि उनका मंत्रालय ‘एक रैंक एक पेंशन’ (ओआरओपी) योजना के तौर तरीके को अगले सप्ताह तक अंतिम रूप देकर उसे आगे की कार्रवाई के लिए वित्त मंत्रालय को भेज देगा। पर्रिकर ने यहां घोषणा की कि ओआरओपी मुद्दे पर बहुत तेज गति से काम चल रहा है और उन्होंने इस बारे में पहले ही कई बैठकें की हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नीतिगत रूप से इसे पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है। चर्चाएं उसका तौर तरीका तय करने के लिए हो रही हैं..अगले सप्ताह तक रक्षा मंत्रालय का रूख तय हो जाएगा।’’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा इस योजना के वास्तविक क्रियान्वयन दर्जे को अंतिम रूप देते ही इसे वित्त मंत्रालय के पास ले जाया जाएगा। पर्रिकर ने पिछले महीने इस मुद्दे पर कहा था कि यदि वह :सेवानिवृत्त सशस्त्र बल कर्मियों के: संतुष्टि स्तर को 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंचा पाये तो यह ‘‘एक काफी अच्छा हल’’ होगा। एक रैंक, एक पेंशन भारत में 20 लाख से अधिक भूतपूर्व सैनिकों की एक पुरानी मांग है। इसमें यह सुनिश्चित करने की मांग की जाती है कि एक रैंक और समान अवधि की सेवा के बाद सेवानिवृत्त होने वाले रक्षा कर्मियों को एकसमान पेंशन का भुगतान किया जाए, चाहे उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि कोई भी हो। मंत्री ने इस बीच कहा कि अदालतों में उनके मंत्रालय के खिलाफ लंबित करीब चार हजार विकलांगता पेंशन मामलों के खिलाफ पैरवी नहीं करने का निर्णय किया गया है। इससे लंबे समय से कानूनी लड़ाई लड़ रहे हजारों भूतपूर्व सैनिकों को लाभ होगा।