इंडियन एयरफोर्स को अपने सुखोई विमानों के पूरे के पूरे बेड़े की उड़ानें रोकनी पड़ी हैं। ऐसा पिछले हफ्ते पुणे में सुखोई विमान के क्रैश होने के बाद किया गया है। सूत्रों के मुताबिक, पायलटों की सुरक्षा को देखते हुए इस हादसे के बाद से किसी भी सुखोई विमान ने उड़ान नहीं भरी है। भारतीय वायुसेना के पास 200 सुखोई-30 विमान हैं, जो उसकी कुल ताकत का करीब एक तिहाई है। भारत को जल्द ही रूस से जल्द ही 72 और सुखोई-30 विमान मिलने वाले हैं। सुखोई विमानों के ग्राउंडेड होना वायुसेना के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि एयरफोर्स को पहले ही तय 44 स्कवॉड्रन्स के बजाए 34 स्कवॉड्रन्स से काम चलाना पड़ रहा है। वायुसेना के मुताबिक विमान की इजेक्शन सीट में तकनीकी खामी पाई गई है और एक एक विमान की गहन जांच के बाद ही सुखोई को फिर से उड़ाने की इजाज़त मिलेगी। पिछले पांच सालों में 5 सुखोई विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं।