क्या कांग्रेस में बगावत के आसार हैं, लोकसभा चुनाव में हार के बाद पार्टी में मचे घमासान के बाद ये सवाल अहम हो गया है। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी संगठन में बदलाव चाहते हैं। लेकिन ये भी चाहते हैं कि पार्टी के कुछ महासचिव खुद ही ओहदा छोड़ दें। इस सिलसिले में बुधवार रात पार्टी सचिवों की बैठक भी बुलाई गई, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। दरअसल, हार के कारणों को लेकर पार्टी दो गुटों में बंटी हुई है और पार्टी की ये गुटबाजी अब खुलकर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पार्टी की 'ओल्ड गार्ड' और 'टीम राहुल' की यंग ब्रिगेड एक-दूसरे के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल चुकी है। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद कुछेक नेताओं ने दबे सुर में ही सही, लेकिन राहुल गांधी की अगुवाई पर सवाल खड़े किये। पार्टी में ही दूसरे गुट ने ऐसे नेताओं के बोल पर लगाम लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हार की वजह पर कई वरिष्ठ नेता चुप्पी साधे बैठे हैं। ज़ाहिर है, उनकी चुप्पी भी राहुल गांधी की अगुवाई को लेकर मौन सवाल खड़ा कर रही है। अब पार्टी का पक्ष रखनेवाले नेता भी अंदरूनी घमासान का शिकार बन रहे हैं। जाहिर है एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाने के बजाय फिलहाल पार्टी अपने ही रोग से जूझ रही है। उधर कांग्रेस के आला नेता पार्टी में बगावत की खबरों को बेबुनियाद बता रहे हैं। मनीष तिवारी के मुताबिक सभी कार्यकर्ताओं को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरा भरोसा है।