समाजवादी पार्टी के नेता व राज्यसभा सांसद रामगोपाल यादव ने एक विवादास्पद बयान देकर मेरठ में हुए दुष्कर्म और धर्मपरिवर्तन मामले को और बढ़ा दिया है। यादव ने कहा कि मेरठ में कुछ हुआ नहीं, बल्कि यह सब मीडिया का किया धरा है। जबकि खुद यूपी पुलिस उक्त केस अब तक 5 लोगों को गिरप्तार कर चुकी है। उल्लेखनीय है मेरठ में उक्त घटना के बाद तनाव बरकरार है और इलाके में अभी भी भारी पुलिस बल तैनात है, लेकिन राज्य में सत्ताधारी पार्टी एसपी के नेता राम गोपाल यादव ये मानने को तैयार नहीं कि वहांलड़की पर कोई जुल्म हुआ था बकौल रामगोपाल, मेरठ में कुछ भी नहीं हुआ, बल्क इसके पीछे मीडिया का हाथ हैं। मैं दावा करता हूं कि मेरठ में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। हालांकि दूसरी ओर मेरठ पुलिस के आलाधिकारी दावा कर रहे हैं कि पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि मेरठ पुलिस ये दावा भी कर रही है कि जल्द ही पूरे मामले के मुख्य आरोपी को भी पकड़ लिया जाएगा। सत्ताधारी पार्टी के आला नेता और पुलिस के बयान के बीच का ये फर्क कई सवाल पैदा कर रहा है, जिससे दोनों के बयान को सुनने के बाद सवाल उठने लगा है कि आखिर सच बोल कौन रहा है और अगर कोई झूठ बोल रहा है। गौरतलब है मेरठ की एक महिला के साथ गैंगरेप के बाद जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई थी, जिसके बाद हंगामा मच गया है! नाराज़ लोग प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। उधर, सियासी जगत में भी जबरर्दस्त प्रतिक्रिया हुई है। लेकिन कठघरे में एक बार फिर है यूपी की अखिलेश सरकार, जो ना तो अपराधियों पर लगाम लगा पा रही है और ना ही महिलाओं को सुरक्षित माहौल दे पा रही। आरोप है कि गांव के कुछ लोगों ने ही नौकरी देने का झांसा देकर इस लड़की का अपहरण कर लिय था। बाद में उससे सामूहिक दुष्कर्म कर उसपर धर्मपरिवर्तन का जबरन दबाव भी बनाया गया। हालांकि लड़की 2 अगस्त को किसी तरह आरोपियों के चंगुल से निकलने में कामयाब रही। अपने तरह की इस हैरान कर देन वाली घटना से पूरे इलाके में तनाव है। वहीं, मेरठ रेंज के डीआईजी के मुताबिक, प्रशासन मामले को लेकर सतर्क है और आरोपी थाना इंचार्ज पर कार्रवाई करते हुए उसे लाइन हाजिर कर दिया गया है। डीआईजी के मुताबिक, पुलिस ने अबतक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि कुछ और आरोपियों की तलाश जारी है।