साल 2004 के आम चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम पद का त्याग नहीं किया था, बल्कि राहुल गांधी के कहने पर प्रधानमंत्री नहीं बनने का फैसला लिया था। विदेश मंत्री जैसे ओहदे को संभाल चुके कांग्रेस के पूर्व नेता नटवर सिंह ने ये दावा किया है। शुक्रवार को रिलीज होने वाली उनकी किताब से ऐसे कई अहम राज सामने आने की उम्मीद है, जिससे सियासत की सरगर्मी बढ़ सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने 2004 में प्रधानमंत्री बनने से इंकार कर दिया था। कांग्रेस की तरफ से इसे सोनिया का त्याग के तौर पर प्रचारित किया गया। लेकिन कांग्रेस के पूर्व दिग्गज नेता नटवर सिंह ने अपनी आने वाली किताब वन लाइफ इज नॉट इनफ में जो खुलासे किए हैं। वो कांग्रेस के दावों पर सवालिया निशान लगाते हैं। एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में अपनी आने वाली आत्मकथा के अंशों का जिक्र करते हुए नटवर सिंह ने जो कुछ कहा है उसके मुताबिक, ''2004 में सोनिया गांधी के पीएम नहीं बनने की सबसे बड़ी वजह राहुल गांधी थे। राहुल को डर था कि अगर उनकी मां सोनिया गांधी पीएम बनीं तो उनके पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी की तरह उनकी भी हत्या कर दी जाएगी। सोनिया गांधी ने अंतर आत्मा की आवाज पर नहीं, बल्कि राहुल की अपील पर पीएम नहीं बनने का फैसला लिया था।'' नटवर का ये खुलासा कांग्रेस को परेशान करने वाला है, तो विरोधियों के लिए निशाना साधने का मौका। नटवर सिंह का तो ये भी कहना है कि प्रियंका गांधी ने उनसे मिलकर अनुरोध किया था कि वो राहुल के सोनिया गांधी को पीएम पद न स्वीकारने वाली बात को किताब से हटा दें। नटवर ने ये भी दावा किया है कि राहुल के साथ खुद सोनिया ने भी उनसे ऐसा ही अनुरोध किया था। नटवर के मुताबिक, इसके बावजूद उन्होंने सच्चाई सामने लाने का फैसला किया। नटवर ने अपनी आत्मकथा में और कई अहम खुलासे किए हैं। जाहिर है किताब सामने आने के बाद उनको लेकर भी चर्चाएं तेज होंगी।