यूपी की अखिलेश सरकार महिलाओं से ज्यादा लग्जरी गाड़ियों को लेकर फिक्रमंद है। शायद यही वजह है कि एक तरफ महिला आयोग के अनुदान में बड़ी कटौती की गई है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री के काफिले के लिए महंगी गाड़ियों का इंतजाम। जी हां यूपी की अखिलेश सरकार भले ही महिला सुरक्षा और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर कटघरे में हो। लेकिन शायद उसे उसकी उतनी फिक्र नहीं, जितनी की लग्जरी गाड़ियों की है। तभी तो महिला आयोग के बजट में पिछले तीन साल में 85 फीसदी की कटौती की गई है। जबकि इसी दौरान 4 लग्जरी गाड़ियां खरीदने का फैसला लिया गया जो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के काफिले में नजर आएंगी। आपको बता दें, इन दो गाड़ियों में सेवन सीटर 2 मर्सिडीज और 2 लैंडक्रूजर एसयूवी हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता उर्वशी शर्मा को आरटीआई के जरिए मिली जानकारी से इसका खुलासा हुआ है। आरटीआई के जवाब में राज्य सरकार ने बताया है कि 2011-12 में आयोग का अनुदान 5.1 करोड़ रुपये से घटाकर 4.16 करोड़ रुपये कर दिया गया है उस अनुदान में से भी महज 3.9 करोड़ रुपये ही खर्च हुए 2013-14 में अनुदान महज 75 लाख रुपये ही रह गए। वहीं इस मुद्दे को लेकर सवाल उठने पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव खुद सफाई देने सामने तो आए। लेकिन उनका जवाब टालमटोल वाला ही रहा। लग्जरी गाड़ियां खरीदे जाने को लेकर सरकार का तर्क है कि वो एंबेसडर के मुकाबले बेहतर हैं। लेकिन विरोधी अखिलेश सरकार पर महिलाओं के प्रति संवेदनशील नहीं होने का आरोप लगाते हुए उसे लग्जरी गाड़ियां खरीदने के लिए जमकर कोस रहे हैं। हाल के दिनों में यूपी में महिलाओं से जुड़ी कई वारदात सामने आई हैं। जिसके चलते अखिलेश सरकार पहले से विरोधियों के निशाने पर रही है। ऐसे में महिला आयोग के बजट में कटौती को लेकर जाहिर है सवालों का सिलसिला तेज होगा।