नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को एक भारतीय पत्रकार की जमात उद दावा के प्रमुख हाफिज सईद के साथ पाकिस्तान में हुई मुलाकात से खुद को अलग रखते हुए कहा कि ना तो उसने इसके लिए कोई अनुमति दी थी और न ही मुंबई हमले के आरोपी को लेकर उसकी राय में कोई बदलाव हुआ है। सरकार ने यह भी कहा कि इसमें कोई ट्रैक..2 या ट्रैक..3 कूटनीति नहीं है और जहां तक सरकार का सवाल है तो हाफिज एक आतंकवादी है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक की सईद के साथ मुलाकात का मुद्दा उठाया और सरकार से जानना चाहा कि क्या उसने इस मुलाकात के लिए अनुमति दी थी। पार्टी के अन्य सदस्यों ने उनकी बात से सहमति जताई। केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसके जवाब में कहा ‘सरकार का इससे प्रत्यक्ष रूप से, अप्रत्यक्ष रूप से या दूर दूर तक कोई लेना-देना नहीं है। सरकार ने किसी को भी उससे (सईद से) मिलने के लिए अनुमति नहीं दी है।’ उन्होंने कहा कि सईद एक आतंकवादी है और भारत के खिलाफ आतंकवाद में लिप्त रहा है। सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी पत्रकार की सईद के साथ मुलाकात में उसकी कोई भूमिका नहीं थी। जावड़ेकर ने संसद भवन के बाहर संवाददाताओं से कहा ‘जहां तक सईद का सवाल है तो उसके बारे में सरकार की राय बिल्कुल नहीं बदली है। भारत के लिए सईद एक आतंकवादी हमले का आरोपी है। वह एक आतंकवादी है जिसने भारत के खिलाफ हमले की साजिश रची थी।’ मंत्री ने कहा कि इसमें कोई ट्रैक..2 या ट्रैक..3 कूटनीति नहीं है और जहां तक सरकार का सवाल है तो हाफिज एक आतंकवादी है। उन्होंने कहा कि इस बारे में सरकार स्पष्ट कर चुकी है। समझा जाता है कि स्वतंत्र पत्रकार वैदिक ने दो जुलाई को पाकिस्तान में सईद से मुलाकात की थी। इस मुलाकात से खासा विवाद उठ गया और कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भाजपा से वैदिक की कथित नजदीकी का मुद्दा भी उठाया। पाक स्थित लश्कर ए तैयबा के संस्थापक और जमात उद दावा के प्रमुख सईद पर भारत ने वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों सहित देश में विभिन्न आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप लगाया है। मुंबई हमलों में 166 लोग मारे गए थे। भारत की सर्वाधिक वांछित आतंकियों की सूची में शामिल सईद पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है।