ब्रसेल्स के थिंक टैंक का दावा है कि पाकिस्तान का कराची टेररिस्ट्स एक्टिविटीज का गढ़ बन चुका है। उन्हें यहां पाक आर्मी का भी सपोर्ट मिला हुआ है। इन आतंकी गुटों को मदरसों का भी खुला सपोर्ट मिल रहा है। ब्रसेल्स के इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप का दावा... - ब्रसेल्स के इंटरनेशनल क्राइसिस ग्रुप (आईसीजी) नामक थिंक टैंक ने 'पाकिस्तान: स्टॉकिंग द फायर कराची' नाम से एक रिपोर्ट जारी की है। - इसके मुताबिक, 'आतंकी गुट जैसे लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जमात-उद-दावा (JuD), मौलाना मसूद अजहर का गुट जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और एंटी-शिया गुट लश्कर-ए-झांगवी कराची में जमकर चल रहे हैं। उन्हें मदरसों का सपोर्ट मिल रहा है।' - थिंक टैंक का कहना है, 'पाक के सबसे खतरनाक आतंकी गुट कराची में खुलकर काम कर रहे हैं। ये आतंकी मदरसे चलाते हैं और पाक अफसरों के सामने चैरिटी करते हैं।' और क्या है रिपोर्ट में? - आईसीजी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे नस्लीय, राजनीतिक और संप्रदायों की लड़ाई और जिहादी विचारधारा पाक के सबसे बड़े और पैसे वाले शहर कराची में फल-फूल रही हैं।' - 'ये एक प्रेशर कुकर की तरह है, जो कभी भी फट सकता है।' - रिपोर्ट में ये भी कहा गया है, 'जब आतंकी गुटों पर कार्रवाई करने की बारी आती है तो अफसर कराची के बाहरी इलाकों में चल रहे आतंकी गुटों और क्रिमिनल गैंग्स को छोड़ देते हैं। लश्कर-जमात और जैश जैसे आतंकी गुटों को तो अच्छा जिहादी करार दिया जाता है।' - रिपोर्ट में कई चुने गए रिप्रेजेंटेटिव्ज, सीनियर ऑफिशियल्स, जर्नलिस्ट्स, एक्टिविस्ट्स के बयानों को शामिल किया गया है। 'कई आतंकी तो भाग चुके हैं' - आईसीजी की रिपोर्ट के मुताबिक, 'कई आतंकी मास्टरमाइंड तो सितंबर, 2013 में पाक से भाग चुके थे। चूंकि उनपर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे दोबारा से लौट सकते हैं।' - रिपोर्ट के मुताबिक एक सीनियर अफसर ने बताया, 'किसी भी वक्त भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव भड़क सकता है। आतंकी गुट कराची के बीचोंबीच अपनी एक्टिविटी चलाते हैं। लेकिन लश्कर-जैश जैसे आतंकी गुटों के साथ दोस्त जैसा बर्ताव नहीं किया जा सकता।' - कराची के एक पुलिस अफसर का कहना है, 'हम शहर में लॉ एंड ऑर्डर बहाल करना चाहते हैं लेकिन ऐसा नहीं कर सकते। हमें अपनी फॉरेन पॉलिसी का भी ध्यान रखना पड़ता है।' - रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकियों को सपोर्ट करने वाले मदरसे धड़ल्ले से चल रहे हैं। - यह भी बताया गया है, 'आतंकी संगठन ऐसे युवाओं को टारगेट करते हैं जिनके पास कोई काम नहीं होता। उन्हें बताया जाता है कि जिहाद भी एक काम ही होता है।'